बहुत से लोग गैस्ट्राइटिस से पीड़ित हुए हैं, जो हमेशा कष्टदायक और दर्दनाक होती है। यह हमारे पेट की परत की सूजन है जो पेट दर्द और मतली का कारण बनती है, यह बेचैनी कई दिनों तक रहती है और हमें सामान्य जीवन जीने से रोकती है।
गैस्ट्राइटिस का कारण अक्सर Helicobacter pylori नामक बैक्टीरिया होता है, लेकिन यह हमारी खराब खानपान की आदतों के कारण भी हो सकता है। कुछ दवाएं जैसे कि एंटी-इंफ्लेमेटरी पेट को नुकसान पहुँचा सकती हैं। तनाव भी गैस्ट्राइटिस के कई मामलों का कारण बनता है क्योंकि यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है।
गैस्ट्राइटिस के लक्षण क्या हैं?
लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- उल्टी
- अपच और भूख में कमी
- गहरे रंग का मल
- गैस और हिचकी
- पेट में जलन और दबाव
गैस्ट्राइटिस दो प्रकार की हो सकती है:
तीव्र: जब गैस्ट्रिक एसिड अधिक बनता है।
क्रोनिक: जब गैस्ट्रिक जूस की कमी होती है।
गैस्ट्राइटिस का इलाज कैसे करें
- बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं न लें।
- मसालेदार, खट्टे फल, कैफीन, अल्कोहल, वसा युक्त खाद्य पदार्थ और चॉकलेट से बचें।
- दिन में 5–6 बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भोजन करें।
- शरीर को हाइड्रेट रखें। ठोस भोजन से 30 मिनट पहले और बाद में पानी पिएं।
- खाना न बहुत गर्म हो न बहुत ठंडा। वसा युक्त भोजन से बचें।
गैस्ट्राइटिस के लिए भोजन के उदाहरण
नाश्ता:
विकल्प 1: कैमोमाइल या रोजमेरी की चाय, 2 टोस्ट, आधा गिलास पपीते का जूस
विकल्प 2: 1 गिलास बादाम दूध, कटे हुए नाशपाती के टुकड़े
बीच में चावल या हेज़लनट का दूध पी सकते हैं
दोपहर का भोजन:
विकल्प 1: उबली हुई बिना मसाले की चिकन ब्रेस्ट, गाजर का सूप, बेक्ड सेब
विकल्प 2: उबला हुआ तोरई और सफेद चावल, बिना मलाई वाला दही और गाढ़ा सेव
रात का खाना:
विकल्प 1: कद्दू का सूप और सफेद मछली, नाशपाती की कंपोट
विकल्प 2: भाप में पका हुआ चावल, पालक, गाजर और उबला हुआ ब्रोकोली, पपीता