सही तरीके से सांस लेना शुरू करें। यदि आप अपने साथी के खर्राटों से परेशान हैं या शारीरिक गतिविधियों के दौरान अपनी सांस लेने की क्षमता को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए है।
आप कितनी बार अपने या अपने साथी के खर्राटों की वजह से नींद से जागे हैं? अगर आप आगे पढ़ते हैं, तो शायद कई बार। खर्राटे एक आम समस्या हैं, जो अक्सर किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या का लक्षण होते हैं। लेकिन जब यह लक्षण हमारी नींद में खलल डालता है, तो यह परेशान करने वाला बन जाता है।
खर्राटों का संकेत
जब हम सोते हैं, तो गले की मांसपेशियाँ ढीली हो जाती हैं और जीभ पीछे की ओर चली जाती है।
खर्राटे तब होते हैं जब वायुमार्ग में रुकावट आ जाती है और हवा ठीक से मुंह और नाक से नहीं गुजर पाती। इस कारण गले की दीवारें कंपन करती हैं और खर्राटों की आवाज़ आती है।
खर्राटे अक्सर इन कारणों से होते हैं:
- मोटापा (गर्दन की अतिरिक्त चर्बी से दबाव पड़ता है),
- टेढ़ा या मुड़ा हुआ नासिकापट (जो दोनों नथुनों को अलग करता है),
- नाक में पॉलिप्स (मुलायम थैलीनुमा उभार),
- एडेनोइड्स और टॉन्सिल्स की सूजन (जो वायुमार्ग को बंद करती है),
- स्लीप एपनिया (नींद के दौरान सांस रुकना)।
हर व्यक्ति में कारण अलग हो सकता है, इसलिए इलाज से पहले कारण का पता लगाना जरूरी है। एक बार जब कारण खत्म हो जाए, तो खर्राटे भी कम हो सकते हैं। हालांकि तुरंत असर नहीं होता, इसलिए आप एक नाक में लगाने वाला एंटी-खर्राटा उपकरण उपयोग कर सकते हैं।
सांस को सुधारना संभव है
यह कोई मज़ाक नहीं है, कुछ खिलाड़ी भी एंटी-खर्राटा उपकरण का उपयोग करते हैं क्योंकि ये साँस को बेहतर बनाते हैं। ये उपकरण खेल गतिविधियों के दौरान इस्तेमाल किए जाते हैं ताकि बेहतर सांस ली जा सके और शरीर को ज़रूरी ऑक्सीजन मिलती रहे।
तो, नाक का एंटी-खर्राटा उपकरण क्या है?
यह एक छोटा, शारीरिक रूप से फिट होने वाला उपकरण होता है, जो आमतौर पर हाइपोएलर्जेनिक सिलिकॉन से बना होता है। यह "U" आकार का होता है, जिसके दोनों सिरों पर रिंग होती है। इसका उद्देश्य सोते समय श्वास मार्ग को खुला रखना होता है, जिससे व्यक्ति मुंह की बजाय नाक से सांस ले।
रिंग्स को नथुनों में डाला जाता है जिससे नाक की नली खुली रहती है और हवा आसानी से गुजरती है। कुछ उपकरण क्लिप की तरह होते हैं जो नाक में डालने पर फैल जाते हैं और नथुनों को खोल देते हैं। इसका उद्देश्य हमेशा वायुमार्ग को खुला रखना होता है ताकि हवा का प्रवाह बाधित न हो।